यह कैसे काम करता है ?

1.       यह एक तकनीकी आधारित प्रक्रिया है इसमें फैसिलिटेटर का काम पढ़ने वाले को रजिस्टर कर लॉगइन आईडी बनाने का होता है|

2.       उस लॉगिन आईडी का इस्तेमाल कर सीखने वाला पहले से उपलब्ध पठन-पाठन सामग्री का इस्तेमाल करता है और सीखता है|

3.       सीखने के दौरान सीखने वाले की हर गतिविधि वर्कशीट के माध्यम से फैसिलिटेटर को प्राप्त होती है|

4.       प्राप्त जानकारी के आधार पर जरूरत के अनुसार वह पढ़ने वाले को जरूरी सलाह देता है और कठिनाइयों का समाधान करता है|

5.       फैसिलिटेटर का यह भी काम होता है कि पढ़ने वाले की जरूरत के अनुसार वह पहले से ही वर्कशीट तैयार कर ले|

6.       इस तरह से सीखने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि एक पढ़ने वाले को यह पूरी तरह पता होता है कि उसने क्या सीख लिया|

7.       उसी तरह सिखाने वाले को भी यह पता होता है की लिखने वाले ने क्या सीखा और कितना सीखा|

8.       इसमें न सिर्फ संसाधन की बचत होती है बल्कि समय की बचत होती है और एक ही तरह के संसाधन अलग-अलग सीखने वाले लोगों द्वारा एक समय पर ही उपयोग में ली जा सकती है|

9.       इससे पता लगाना बेहद आसान होता है कि सीखने वाले ने कितनी समय दी है और समय के सापेक्ष उसने कितना सीखा है|

10.   सभी सीखने वालों का विवरण लंबे समय तक स्टोर कर आसानी से रखा जा सकता है|